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भारत की प्राचीन ऋषि परंपरा कमजोर जरूर हुई है, मरी नहीं है...

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भारत की प्राचीन ऋषि परंपरा कमजोर जरूर हुई है, मरी नहीं है... पद्म पुरस्कार ठुकरा चुके ये हैं आलोक सागर जी .............................................................. श्री आलोक सागर.... IIT दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में डिग्री, ह्यूस्टन से पीएचडी, टैक्सास से पोस्ट डाक्टरेट, पूर्व आर बी आई गवर्नर रघुराम राजन के प्रोफेसर.... विगत 32 वर्षों से किसी भी तरह के लालच को दरकिनार कर .... मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में आदिवासियों के बीच रहते हुए उनके सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक उत्थान और उनके अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. निजी जीवन में दिल्ली में करोड़ों की सम्पत्ति के मालिक श्री सागर की मां दिल्ली के मिरांडा हाउस में फिजिक्स की प्रोफेसर और पिता भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी थे, छोटा भाई आज भी आई आई टी में प्रोफेसर है। सब कुछ त्याग कर आदिवासियों के उत्थान के लिये समर्पित, आदिवासियों के साथ सादगी भरा जीवन जी रहे हैं... रहने को घांस-फूस की एक झोपड़ी, पहनने को तीन कुर्ते, आवागमन के लिए एक साइकिल- ताकि प्रकृति को नुकसान न हो. कई भाषाओं के जानकार श्री सागर आदिवासियों से उन्हीं की भाषा

The History of India: From the Indus Valley Civilization to the Present Day

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here is a brief overview of Indian history: The Indus Valley Civilization (3300-1300 BCE) was one of the earliest civilizations in the world. It was located in the Indus River Valley, in what is now Pakistan and northwest India. The Indus Valley Civilization was a highly advanced civilization, with a sophisticated urban planning, a system of writing, and a rich culture. Opens in a new window Wikipedia Indus Valley Civilization India The Vedic period (1500-600 BCE) saw the arrival of the Aryans in India. The Aryans brought with them their own language, religion, and culture. The Vedic period was a time of great intellectual and spiritual activity, and the Vedas, Upanishads, and other religious texts were composed during this time. Opens in a new window Wikipedia Vedic period India The Mahajanapadas (600-321 BCE) was a period of political decentralization in India. There were 16 major kingdoms or Mahajanapadas during this time. The Maurya Empire (321-185 BCE) was the first major empire i

गांधी के प्रिय भजन कौन से थे आइए जानते है

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महात्मा गांधी के आदर्शों और धार्मिक अनुयायी रूप में, उनके लिए धार्मिक भजन अहम् थे। यहां कुछ भजनों का उल्लेख किया जाता है जिन्हें गांधीजी के प्रिय भजन के रूप में जाना जाता है. 1. "वैष्णव जन तो तेने कहिये" (Vaishnav Jan To Tene Kahiye): यह भजन नरसिंह मेहता (Narsinh Mehta) द्वारा रचित हुआ था और गांधीजी के पसंदीदा भजनों में से एक है। इस भजन में एक साधारण व्यक्ति के सद्गुणों का वर्णन किया गया है जो एक सच्चे वैष्णव के गुणों को प्रतिष्ठित करता है।  2. "रघुपति राघव राजा राम" (Raghupati Raghav Raja Ram): यह भजन महात्मा गांधी के अद्यात्मिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा था। यह भजन आदित्य हृदयम से जुड़ा हुआ है और गांधीजी के अखंड अद्यात्मिकता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। 3. "ईश्वर अल्लाह तेरो नाम" (Ishwar Allah Tero Naam): इस भजन में विभिन्न धर्मों के नामों को समाहित करते हुए सबको भगवान की एक ही अवतारी स्वरूप में मानने